Manqabat dar madhe janabe fatema zahra (s) in hindi,

 ज़माने भर का खु़श्को तर है रौशन

मोहम्मद मुस्तफा़ का घर  है रौशन


ज़मीं पर सैय्यदा बीबी की आमद

फ़लक पर मरजी़ऐ दावर है रौशन


चमक उट्ठे हैं अब मक्का मदीना

ये इसमत का हंसीं जौहर है रौशन


कलामे पाक का हर एक नुक़्ता

बशाने सूराए कौसर है रौशन


जनाबे फा़त्मा ज़हरा हैं नूरी

बराये महरो मह है रौशन


वो घर के काम से हाथों में छाला

बराए दर्स ये गौहर है रौशन


अली की तेग़ से बीबी की बातें

शुजाअत का हसीं पैकर  है रौशन


वो इनके हाथ की रोटी का रुतबा 

बशर क्या हैं मलायक पर है रौशन


नमाजे़ं रात भर और दिन में रोजा़

इबादत का खुला मंज़र है रौशन


सलामी के लिए सरकार आयें

कुछ ऐसा फा़त्मा का दर है रौशन


दुआ "मक़बूल" हो ज़हरा के सदके़

करम अल्लाह का सब पर है रौशन


                        मक़बूल जायसी

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