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*मिसरा➖किस शान से हम शक्ले पयम्बर कि है आमद*
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*लैला तेरी आगोश में अकबर कि है आमद*
*या यु कहुँ हम शक्ले पयम्बर कि है आमद*
*यूसुफ़ ने कहा शाह के घर जाता हूँ या रब*
*शब्बीर के घर में अली अकबर कि है आमद*
*है चारो तरफ़ नूर का फैला हुआ मन्ज़र*
*किस शान से हम शक्ले पयम्बर कि है आमद*
*ये कहके उदु भागे सभी छोड़ के दरिया*
*अब घाट करो खाली गज़न्फ़र कि है आमद*
*आये गी सरे हश्र "वफ़ा" रब की सदा ये*
*सर खम ये करो बिन्ते पयम्बर कि है आमद*
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*✍️वफ़ा अब्बास खान*
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