Manqabat,qaseeda,qasida,nazm,on music in madhe ahlebait,in hindi

 म्यूज़िक का साथ लेके खता कर रहे है हम


मौला से अपने धोका बड़ा कर रहे है हम




फ़ुरसत मिले तो पूछिए अपने ज़मीर से


ज़िक्रे अली की आड़ में क्या कर रहे है हम   




दौलत की भूख में कभी शोहरत की भूख में


खुद अपने आप से ही दगा कर रहे है हम




जब है हुसैन जैसे नमाज़ी के मधह खा,न


फ़िर किस लिए नमाज़ कजा कर रहे है हम




इज्जत ज़रा सी पाई तो मगरूरी आ गई


बतलाओ कब अली का कहा कर रहे है हम




रिश्ता है सिर्फ मधह का आले रसूल से


ये कोन सा तवल्ला अदा कर रहे है हम




कॉमेंट लाइक शेर के चक्कर में आज कल


आमाल से खुलूस जुदा कर रहे है हम




म्यूज़िक के इस्तेमाल से पेहले ये सोचिए


कीन हस्तियों की मदहो सना कर रहे है हम

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